सिंथेटिक बायोलॉजी में महत्वपूर्ण उपलब्धि: प्लास्टिक प्रदूषण से लड़ने के लिए इंजीनियर्ड बैक्टीरिया

सिंथेटिक बायोलॉजी में महत्वपूर्ण उपलब्धि: प्लास्टिक प्रदूषण से लड़ने के लिए इंजीनियर्ड बैक्टीरिया
सोमवार, 26 मई, 2025 को एक क्रांतिकारी विकास की घोषणा की गई, जब ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल रिसर्च के वैज्ञानिकों ने सफलतापूर्वक एक बैक्टीरिया की किस्म का निर्माण किया जो आम प्लास्टिक को तोड़ सकता है, जिससे वैश्विक प्लास्टिक प्रदूषण संकट का एक आशाजनक समाधान मिलता है।
उपलब्धि के पीछे विज्ञान
डॉ. एमिली ग्रीन के नेतृत्व में शोध टीम ने सिंथेटिक बायोलॉजी तकनीकों का उपयोग करते हुए Pseudomonas putida नामक बैक्टीरिया के आनुवंशिक संरचना को बदल दिया, जो विभिन्न organic यौगिकों को अपघटित करने की क्षमता रखता है। अब इस इंजीनियर्ड बैक्टीरिया को Pseudomonas putida P-25 कहा जाता है, जो polyethylene terephthalate (PET) नामक प्लास्टिक को कुशलतापूर्वक तोड़ सकता है, जिसका उपयोग आमतौर पर बोतलों और पैकेजिंग में किया जाता है।
पर्यावरणीय निहितार्थ
प्लास्टिक कचरा समुद्री जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा है, इसलिए यह खोज एक महत्वपूर्ण समय पर आई है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम का अनुमान है कि 2050 तक, दुनिया के महासागरों में प्लास्टिक की मात्रा मछली से अधिक हो सकती है। इंजीनियर्ड बैक्टीरिया कचरा प्रबंधन में एक गेम चेंजर साबित हो सकता है, जिससे प्लास्टिक उत्पादन और उपभोग के पर्यावरणीय पैरामीटर कम हो सकते हैं।
भविष्य के अनुप्रयोग और चुनौतियाँ
हालांकि 初期 परिणाम आशाजनक हैं, वैज्ञानिक बताते हैं कि बैक्टीरिया की कुशलता को अधिकतम करने और बड़े पैमाने पर तैनाती के लिए इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और शोध की आवश्यकता है। उद्योग साझेदारों के साथ सहयोग पहले से ही शुरू हो चुके हैं ताकि व्यावहारिक अनुप्रयोगों का पता लगाया जा सके, जैसे कि बैक्टीरिया को कचरा उपचार सुविधाओं और कूड़ेदानों में एकीकृत करना।
जनता और नीति प्रतिक्रिया
पर्यावरण वकालत समूह और नीति निर्माताओं ने खबर का स्वागत किया है, जिससे नवीनतम समाधानों की आवश्यकता पर जोर दिया गया है ताकि प्लास्टिक प्रदूषण से निपटा जा सके। पूरी दुनिया में सरकारों से ऐसे शोध पहलों में निवेश करने और सतत कचरा प्रबंधन अभ्यासों का समर्थन करने वाली नीतियों को लागू करने के लिए अनुरोध किया जा रहा है।